Add To collaction

लेखनी कहानी -24-Jan-2022 बेवफा

भाग 1 


आदी को विद्यालय पहुंचने में देर हो गई थी । इसलिए वह गांव की पगडंडी पर मोटरसाइकिल तेजी से चलाते हुए जा रहा था । पगडंडी पर मोटरसाइकिल चलाना थोड़ा खतरनाक होता है , यह बात उसे पता थी इसलिए वह पूरा चौकन्ना होकर ड्राइविंग कर रहा था । 

सामने से उसे एक लड़की घास का गट्ठर अपने सिर पर लेकर आती हुई दिखाई दी । गट्ठर शायद इतना भारी था कि उसका सिर उसमें धंसा हुआ था । दिखाई नहीं दे रहा था कुछ भी । बोझ के मारे वह लड़खड़ा भी रही थी । 

जैसे ही आदी की मोटरसाइकिल उसके पास आई उसी समय एक भैंस भागती हुई आई और उस लड़की से टकराकर चली गई । शायद उस लड़की को वह भैंस दिखाई नहीं दी इसलिए वह इस घटना के लिए तैयार नहीं थी और वह मोटरसाइकिल पर गिर पड़ी । आदी भी मोटरसाइकिल के साथ नीचे गिर पड़ा और वह घास का गट्ठर भी आदी के ऊपर गिर पड़ा । 

वह लड़की संभली और उसने गट्ठर हटाया । बड़ी मुश्किल से आदी खड़ा हो पाया । दोष किसे दें ? भैंस को ? आदी को ? लड़की को या घास के गठ्ठर को ? कुछ समझ नहीं आया । पढ़े लिखे आदमी की पहचान यही है कि चाहे गलती किसी की भी हो वह "सॉरी" झट से बोल देता है । आदी ने "सॉरी" कहा तो वह लड़की बोली " गलती मेरी थी । मुझे भैंस दिखाई नहीं दी इसलिए उससे बच नहीं पाई और गिर गई । आपको ज्यादा चोट तो नहीं आई" ? 

आदी कराहते हुए कहने लगा " नहीं , ज्यादा चोट नहीं है । एक दो दिन में ठीक हो जाएगी" । 

इतने में एक दो लोग और आ गए । उन्होंने उस लड़की के सिर पर वह गट्ठर रखा और वह चली गई। इधर आदी को मोटरसाइकिल चलाने में दिक्कत हो रही थी । गांव का एक लड़का शक्ति उसे स्कूल छोड़ने चला गया । 

रास्ते में शक्ति ने बताया कि "मीना" बहुत अच्छी लड़की है । अपने भोला चाचा की बेटी है । 

आदी विद्यालय में पढ़ाकर घर लौट आया । उसे उसके साथी अध्यापक ने घर छोड़ दिया था । 

आदी शहर में पढ़ा लिखा एक आधुनिक युवा था । उसकी नौकरी अभी थोड़े दिन पहले ही लगी थी और इस गांव में प्रथम नियुक्ति थी उसकी । विज्ञान विषय का वरिष्ठ अध्यापक था वह । बड़े अच्छे से पढ़ाता था वह । सब बच्चे उसे पसंद करते थे । सबका चहेता बन गया था वह थोड़े से समय में । 

घर पर वह अभी आराम कर ही रहा था कि गांव के दो चार लोग उसके कमरे पर आते हुए दिखाई दिए । उनके साथ मीना भी थी । आदी समझ गया कि मीना ने यह घटना अपने घरवालों को बताई होगी । शायद यह लोग उससे झगड़ा करने आए हैं ? आदी अपने आपको उस स्थिति के लिए तैयार करने लगा । 

वे लोग पास आ गए । 
"राम राम मास्टर जी" 
"नमस्कार जी" 
"मास्टर जी, अब कैसी तबीयत है" ? कमरे के बाहर खड़े खड़े उन्होंने पूछा। 

"आइए आइए, अंदर आ जाइए सब लोग" । मास्टर जी अगवानी करते हुए कहने लगे । 

"अरे अरे, आप खड़े मत होइए । बैठ जाइए। आपको चोट लगी है । हमारे साथ में वैद्य जी भी हैं । ये इलाज कर देंगे । आप चिंता मत कीजिए" । 

वैद्य जी ने आदी के पैर का मुआयना किया और कहा " फ्रैक्चर तो नहीं लगता । जरा सा मांस छिल गया है । मैं अभी कुछ दवाई दे देता हूं । आराम आ जाएगा " । और उन्होंने कुछ दवाई दी और पैर में एक ओइंटमैंट लगाया । उससे आदी को तुरंत आराम आ गया। 

भोला ने मीना के हाथ से एक छोटी सी पोटली ली और उसे आदी को पकड़ाते हुए कहा " मीना से हुई गलती के लिए हम क्षमा मांगते हैं । हमारी एक विनती है । यह खाना मीना ने ही बनाया है । आप इसे खा लेना " । 

आदी ने मीना को देखा । उसके चेहरे पर शर्मिंदगी के भाव थे । आदी को इस व्यवहार की उम्मीद नहीं थी इसलिए वह इस तरह के बर्ताव के लिए तैयार नहीं था । अतः खामोश ही रहा । उसने वह पोटली ले ली । वैसे भी आज वह खाना बनाने की स्थिति में था भी नहीं । और कोई इंतजाम भी नहीं था । या तो मकान मालकिन खाना बनाती या वह किसी साथी अध्यापक के यहां खाना खाता । इसलिए उसने भी ज्यादा ना नुकुर नहीं किया । 

जब सब लोग चले गए तो आदी ने वह पोटली खोली । मीसी रोटी, गोभी की सब्जी, आचार और गुड़ था । उसने मीसी रोटी अब तक केवल शादियों में ही खाई थी लेकिन वास्तव में वे मीसी रोटी कम बेसन की रोटी ज्यादा होती थी । इनका स्वाद कुछ अलग था । उसे बहुत पसंद आई वे रोटियां । ऊपर से शुद्ध मक्खन । वाह , मजा आ गया । रोटी भी बड़ी-बड़ी थी और पूरी पांच । इतनी रोटियां तो कभी खाई नहीं थी आदी यानी आदित्य ने । मगर वह स्वाद स्वाद में सारी रोटियां खा गया । 

दूसरे दिन फिर से मीना उसे खाना लेकर आ गई । उसने पहली बार बात की थी मीना से । चोर निगाहों से उसे देखा भी था । सचमुच बहुत सुंदर थी मीना । गोल मटोल गोरा चेहरा । काली काली आंखें । लंबे लंबे बाल । गुलाबी होंठ । सुडौल बदन । आकर्षक युवती थी मीना । पूछने पर बताया कि वह बारहवीं तक तो इसी विद्यालय में पढ़ी थी और इसी साल ही उसने प्राइवेट पढ़कर बी ए पास की है । आदी उससे बहुत प्रभावित हुआ था । आदी ने हंसते हुए मीसी रोटी की बहुत प्रशंसा की तो मीना ने बताया कि ये "गेहूं, जौ और चना" के मिश्रण के आटे से बनी हैं इसलिए बहुत स्वादिष्ट लगती हैं । आदी ने उसके सामने ही खाना खाया । फिर स्कूल चला गया । आज वह खुद मोटरसाइकिल चलाकर गया था । 

शाम को फिर से मीना उसे खाना लेकर आई । आज खाने में वह पूरी, आलू की सब्जी , पोदीने की चटनी और सूजी का हलवा लेकर आई थी । बड़े प्रेम से परोसा था उसने खाना । आदी ने भी बड़े प्रेम से खाना खाया और खूब तारीफ की । मीना सुनकर गदगद हो गई थी । 

दोनों के बीच में प्रेम रूपी पौधा अंकुरित हो गया था । धीरे धीरे किसी भी बहाने से मिलने लगे थे दोनों । आदी ने अपनी मां से सब बात कर ली थी । पापा थे नहीं इसलिए मां को ही निर्णय लेना था । ‌‌एक दिन वह मां को भी गांव ले आया और उसने अपनी मां को मीना से मिलवा दिया । मीना ने अपने रूप , बुद्धि और व्यवहार से आदी की मां का दिल जीत लिया । आदी और मां दोनों मीना के घर चले गए और मीना का हाथ मांग लिया । भोला को आदी से बेहतर लड़का और कौन मिलता मीना के लिए । भोला ने इस रिश्ते को भगवान की कृपा समझा और दोनों का विवाह हो गया । 

शेष अगले अंक में 


   4
1 Comments

sunanda

01-Feb-2023 03:35 PM

very nice

Reply